मैंने एक दिन मजाक - मजाक में इस ब्लॉग की सुरुआत की थी पर अब लगता है की गंभीर होने का वक्त आ गया है क्यूंकि गूगल ने "इन्टरनेट बाबा" की अहमियत समझी और सिर्फ ५ लेख होने पर भी इसको १ पेज रैंक से सम्मानित किया | ब्लॉगबाबा
असल में इस तोहफे की कीमत क्या है ?
किसी भी ब्लॉगर को अगर पहचान बनानी होती है तो गूगल ही सबसे कारगर और सहायक जरिया साबित होता है क्यूंकि दुनिया भर के लोग इसे ही सबसे अच्छा साधन मानते हैं अपनी जानकारी को बढ़ाने का, आज अगर कोई पहली बार इन्टरनेट पे आता है तो सबसे पहले गूगल के ही शरण में जाता है | तो जाहिर सी बात होगी की हर कोई गूगल में पहले स्थान पे आना चाहेगा चूँकि गूगल एक मुफ्त सेवा है तो ये बात परेसान करने लगती है की आखिर किस आधार पे हर पन्ने को उसकी सही स्थिति के अनुसार लगाया जाये और किसी के साथ धोखा न होने पाए, अतः गूगल की टीम ने ऐसा तरिका निकाला जिसमे गूगल हर पन्ने की छान - बिन करता है जिसमे वो आपके द्वारा लिखे गए लेख और छापी गयी तस्वीरें पूरी दुनिया हर के पन्नो से मिलान करके इस आधार पे पहुँचता है की आपका लेख या तस्वीरें चुराई हुई हैं या नही और फिर आपको अंको में आंकता है जैसा की मैंने बताया इन्टरनेट बाबा की सच्चाई और इमानदारी के कारण हुआ और मात्र ५ लेखों के बल पे इसे १० में से १ अंक मिला |
bahut khub ,,,,,,
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